रमेश और सरला :
“मौत की आंधी” में विलमन के यांत्रिक पवन के तूफ़ान के मामले को सुलझाने के बाद, जब विनोद और हमीद छुटियाँ मनाने के लिये यूरोप टूर पर चले जाते हैं तो रमेश और सरला के चरित्रों को पेश किया गया | इबने सफी ने रमेश और सरला पर लगातार पांच उपन्यास “ हीरों की कान, तिजोरी का गीत, भयंकर पक्षी, खूनी पत्त्थर और अशांत सागर" लिखे | पांचवें उपन्यास में विनोद और हमीद छुट्टी से वापस लौटते हैं और रमेश तथा सरला के साथ मिलकर काम करते हैं |
रमेश दैनिक अखवार द स्टार में एक अपराध रिपोर्टर है | वह एक बहुत ही अमीर और सम्मानित परिवार से संबंध रखता है, लेकिन विचारों के मतभेद के कारण अलग रहता है | रमेश बहुत ही प्रतिभाशाली है, और एक निजी अन्वेषक के रूप मे काम करता है | वह बहुत ही चतुराई से काम करता है और खुद को पुलिस से दूर रखता है | इंस्पेक्टर आसिफ हमेशा उससे मदद मांगते हैं, हालाँकि, जैसे कि रमेश को आसिफ की अवैध रणनीतियों के बारे में बहुत कुछ पता है, वह निशुल्क डिनर पाने के लिये या अन्य खर्चों को निकालने के लिये इंस्पेक्टर को ब्लैक मेल करता रहता है | अपनी बुद्धिमता के बावजूद वह विनोद का सम्मान करता है और उसे अपना गुरु मानता है | कई मामलों में विनोद रमेश और सरला से अनौपचारिक सहायता प्राप्त करता है |
सरला, रमेश के घर के पास स्थित एक अपार्टमेंट में रहती है, और उसकी सहयोगी तथा एक मात्र मित्र है | रमेश हमेशा अपने भारी खर्चों विशेष रूप से सिगरेट, किताबें और बाहर खाने की वजह से सरला का कर्जदार बना रहता है | उनके बीच प्यार और नफ़रत वाला रिश्ता है | सरला एक युवा , साहसी महिला है जो अपराधियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ सकती है | जब तक कि उसकी वास्तविक पहचान “आशान्त सागर" में प्रकट नहीं होती तब तक उसके चरित्र को एक बहुत ही रहस्यमयी तरीके से प्रस्तुत किया जाता है | पाठकों को पता चलता है कि वह “बैरन आइलैंड” नामक एक गुप्त जगह की मुख्य राजकुमारी है, जो विरोधियों से अपने जीवन को खतरे के कारण अपने राज्य से बाहर निकलती है | हालाँकि, रमेश की खातिर वह ताज को स्वीकार नहीं करती | एक दूसरी लड़की के पक्ष में खुद को पीछे रखकर वह वापिस आ जाती है |
कासिम :
कासिम असीम टेक्सटाइलस के मालिक और एक उद्योगपति खान बहादुर आसिम का एक मात्र पुत्र है | कासिम को पहली बार “शीतल घटी” में पेश किया गया | हमीद पहली बार “जहरीला आदमी “ में कासिम से मिलता है जब वह अपनी मोटर साइकिल के साथ एक अन्य मोटर साइकिल सवार को उठाये सड़क के दोनों तरफ एक तरफ से दूसरी तरफ घूम रहा था | हमीद, कासिम को बेहद मनोरंजक पाता है और तब से वह कभी भी अलग नहीं हुए |
कासिम का चरित्र जासूसी दुनिया में हास्यप्रद राहत प्रदान करता है | जबकि हमीद की हास्य की भावना अधिक परिपक्व है, कासिम बिलकुल इसके विपरीत है | दूसरे शब्दों में वह सरल, बचकाना और सहजतापूर्ण है | वह एक प्यारी और सुन्दर महिला से विवाहित है, लेकिन विचारों के मतभेद के कारण वह कभी भी साथ नहीं रहते | कासिम पाठकों की सहानुभूति का हकदार है, क्योंकि उसने कभी भी वयस्कों जैसी आजादी प्राप्त नहीं की, शादी से पहले और बाद में वह एक दबा हुआ जीवन जीता है | उसके भाषण की अनियमितता शायद उसकी दबी हुई परवरिश का ही परिणाम है | कासिम बोलने के दौरान अक्सर कुछ उर्दू शब्दों के आस पास घूमता रहता है | दूसरी तरफ वह अपनी पत्नी को धोखा देता हुआ नजर आता है, इस अवसर पर वह बहुत ही मूर्ख नजर आता है | कासिम की भूख भी अकल्पनीय है | वह एक ही बार में बकरे की कई टांगों तथा मुर्गों को चट कर सकता है | यह उसके चरित्र की मिश्रित विशेषताएँ और सहजता है जो जासूसी दुनिया में हास्यप्रद राहत प्रदान करती हैं |
नीलम :
नीलम का चरित्र “ लोहे का आदमी “ में पेश किया गया है | उसके पिता एक तस्कर थे और अपने ही गिरोह के सदस्यों द्वारा मार दिए गये थे | जब नीलम केवल एक साल की थी तो उसी हत्यारे ने उसकी माँ को भी मार डाला | वह अभी भी उस बरसाती रात को याद करती है जब वह सड़क पर अपनी माँ के मृत शरीर के पास रो रही थी | उसे अपने माता पिता की हत्या का बदला लेने की तीब्र इच्छा है, जिसे प्राप्त करने में वह पूरी तरह से सक्षम है | उसे तस्कर गिरोह के मुखिया का सरंक्षण प्राप्त है | अपराधियों के साथ रहने के बावजूद वह खुद को अपराधों से दूर रखती है और उनके चंगुल से छुटकारा पाना चाहती है | जब विनोद और हमीद तस्करों की खोज कर रहे होते हैं, तो आखिरकार उसे उनकी मदद करके गिरोह को तोड़ने का मौका मिल जाता है | फिर विनोद उसे एक बच्चे के तौर पर गोद लेता है | वह आमतौर पर विनोद को अंकल और हमीद को बाबा (पिता) कह कर बुलाती है | शुरू में वह “रायफल का संगीत “ में विनोद के सहायक के रूप में काम करती है, लेकिन बाद में क्रिमिनोलाजी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये उसे विदेश भेज दिया जाता है | बाद में वह बापस लौट आती है |
आसिफ :
इंस्पेक्टर आसिफ की पहली उपस्थिति “हीरे की कान” में रमेश और सरला के साथ है | वह एक बहुत ही वरिष्ठ अधिकारी है, लेकिन किसी भी मामले में परिणाम निकालने में उनकी अक्षमता के कारण, उन्हें कभी भी पदोन्नत नहीं किया जाता | वह विनोद से उसकी सफलता और प्रतिष्ठा के कारण बहुत ईर्ष्या करता है | हालाँकि विनोद उसे विभाग के बरिष्ठ सदस्य के रूप में सम्मान देता है |
जगदीश :
सब-इंस्पेक्टर जगदीश सबसे पहले “औरत फरोश का कातिल “ में पेश हुए हैं | वह विनोद का सम्मान करता है, और बदले में विनोद कई मामलों को सुलझाने में उसकी मदद करता है | उसे पदोन्नत किया गया और केन्द्रीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी के तौर पर तैनात किया गया है |
रेखा लार्सन :
इंस्पेक्टर रेखा लार्सन को सबसे पहले “ सुर्ख दरिया “ में पेश किया गया है | वह एक जूनियर और बहुत ही महात्वाकांक्षी अधिकारी है, जो अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल करने के किये संघर्ष कर रही है | वह खुद को विनोद के साथ जोड़ने की कोशिश करती है, लेकिन विनोद, महिलायों के प्रति एलर्जी की वजह से उसे अपने आप से दूर ही रखता है, और कई अवसरों पर उसके साथ भी कठोर व्यवहार करता है | दूसरी ओर, हमीद रेखा से इश्कबाजी करने की कोशिश करता है, लेकिन रेखा उससे एक निश्चित दूरी बनाये रखती है | इसके बावजूद हमीद अपने तौर पर या फिर कासिम की मदद से उसे बेबकूफ बनाने के लिये उसके चारों ओर मंडराता रहता है |
हमीद का बकरा (बुगरा खान) :
बकरा सबसे पहले “ अन्धेरे का सम्राट “ में दिखाई देता है | हमीद उसे अपने साथ कई स्थानों पर ले जाता है, जैसे रेस्तरां और क्लब | बकरा एक टोपी पहनता है और उसकी गर्दन के आस पास एक टाई होती है | हमीद का कहना है कि उसे हर उस जगह पर जाने की इजाजत है जहाँ पर कुतों को जाने की अनुमति है | हालाँकि यह स्पष्ट है कि एक बकरा एक कुते की तरह स्मार्ट नहीं हो सकता है, इसीलिये कभी-कभी बकरा फर्नीचर को नष्ट कर देता है | विनोद लगातार हमीद के बकरे से परेशान है |
हमीद की चुहिया :
चुहिया सबसे पहले “ खतरनाक दुश्मन “ में दिखाई देती है | हमीद ने उसे इस तरह से प्रशिक्षित किया है कि जब वह सीटी बजता है तो वह नृत्य करने लगती है | उसके पैरों के आस पास छोटी- छोटी घंटियाँ बंधी रहती हैं, जब वह नाचती है तो उनसे आवाज आती है | हमीद “ जंगल की आग “ में जीरल्ड शास्त्री की भूमिगत दुनिया में चुहिया को खो देता है, लेकिन वह “ मौत की चट्टान “ में उसे फिर से प्राप्त कर लेता है, जब चुहिया गद्दार की पहचान को प्रकट करने में कामयाव होती है |