राजेश :

राजेश एक बहुत ही जटिल और बहुमुखी चरित्र है | वह एक प्रतिभाशाली और युवा ऑक्सफ़ोर्ड स्नातक है, जो एम.एस.सी. और पी.एच.डी. दोनों डिग्रियां रखता है | अपने सबसे धोखेबाज व्यक्तित्व में वह एक मूर्ख गुणवता वाला प्रतीत होता है | उसके निकटतम सामानांतर चरित्र जो पश्चिमी साहित्य में पाया जा सकता है, जासूस कोलम्बो का चरित्र होगा | हालाँकि कोलम्बो और राजेश दोनों अलग-अलग क्षेत्रों से सम्बंधित हैं |

राजेश बहुत ही चुस्त और उर्जावान है | जब एक दुश्मन से आमने सामने की लड़ाई की बात आती है तो हम उसे हमेशा जीतते हुए ही पाते हैं | राजेश एक महान चरित्र वाला इंसान है, और उसमे असाधारण आकर्षण शक्ति है | उसका एक अच्छा मांसल शरीर है और गजब का दिखता है | लेकिन वह हमेश एक बेवकूफ और मूर्खतापूर्ण आवरण को सामने रखता है | इस तरह उसकी विशेषतायें उसे असाधारण बनती हैं, लेकिन वह अपने भावों का इस्तेमाल इस धरती में सबसे बेवकूफ इंसानों में से एक के रूप में खुद को छिपाने के लिए करता है | वह किसी को भी अपनी असलियत प्रकट नहीं करता, क्यूंकि वह जानता है कि यह उसके पेशे के लिए अच्छा नहीं होगा, जो कि उसे अपनी जिंदगी से कहीं ज्यादा प्रिय है | इस प्रकार वह अपने पाठकों को आनन्दित करते हुए हमेशा बेवकूफ, पागल और मजाकिया हरकतें करता दिखता है | यहाँ तक कि उसके पिता श्री राकेश बिहारी भी उसकी इन हरकतों से इतना तंग आ चुके थे कि उन्होंने राजेश को घर छोड़ने का आदेश दे दिया | उनकी नजर में राजेश एक बहुत ही बेवकूफ आदमी है जो किसी भी काम का नहीं है; और इस लिए वह उसके साथ कोई वास्ता नहीं रखना चाहते | हालाँकि राजेश कई अवसरों पर अपने प्रयासों से अपनी बहादुरी कि प्रशंसा में वृद्धि करते हुये अपने पिता की आँखों को खोलने में सफल रहता है | राजेश की माँ (जिन्हें राजेश प्यार से माता जी कहता है) अपने बेटे को बहुत प्यार करती हैं, हालाँकि वह अक्सर राजेश को अपनी सैंडल से मार देती हैं | राजेश की एक बहन नीता भी है, वह भी राजेश से तंग आ चुकी है, जो ठेठ बड़े भाई की तरह हमेशा उससे खिलवाड़ करता रहता है |

राजेश बहुत ही सनकी ढंग से कपडे पहनता है, उदहारण के लिए वह एक हलकी हरी शर्ट के साथ गुलाबी कोट पीली नैकटाई सफ़ेद पैंट और एक बैंगनी फ़्लैट टोपी जिसमे एक लाल गुलाब लगा हो पहन सकता है | इबने सफी इसे राजेश के “टैक्निक्लर ऑउटफिट” के रूप में संदर्भित करते हैं| इसका यह अर्थ नहीं है कि राजेश हमेशा इसी तरह के कपडे पहनता है | अवश्यकता पड़ने पर वह महंगे सूट पहनता है और परिणाम स्वरूप आश्चर्यजनक दिखता है |

ज्यादातर समय राजेश एक दो सीटर स्पोर्ट्स कार चलता है जिसे वह अपने तीन बैडरूम वाले अपार्टमैंट के पास गैराज में पार्क करता है, जहाँ वह सामान्य रूप से रहता है | उसके पास एक ब्यूक भी है जो राणा पैलेस में पार्क रहती है | राजेश एक रंगीन चरित्र है जिसमे चार व्यक्तित्व शामिल हैं | राजेश के रूप में वह एक अवसरवादी व्यक्तित्व है जो स्थिति की मांग के अनुसार पुलिस मुखबिर या ब्लैक मेलर बन सकता है | यह आवरण स्पष्ट रूप से पुलिस वालों या खलनायकों के लिए है, जिनके पास कोई सुराग नहीं है कि वह कितनी महत्वपूर्ण स्थिति रखता है |

राजेश का सबसे गोपनीय व्यक्तित्व सीक्रेट सर्विस के प्रमुख पवन का है | केवल तीन और चरित्र इस रहस्य को जानते हैं | उनमे से एक है सर शम्भू दयाल, आंतरिक मामलों के मंत्रालय के         सचिव | (Secretary, Ministery of Internal Affairs) राजेश सीधे उन्हें या राज्य प्रमुख को रिपोर्ट करता है | दूसरा व्यक्ति है फाइव टू ,सीक्रेट सर्विस में राजेश का सबसे पसंदीदा एजेंट | तीसरा एक लम्बे समय से दोस्त मेरिया | मेरिया एक एंग्लो – बर्मन लड़की है जिसे राजेश ने (भयानक आदमी ) में एक साहसिक कार्य के दौरान बचाया था, जिसके माध्यम से वह उसकी गुप्त पहचान को जान गई | मेरिया भरोसेमंद है और उसने राजेश की कई मामलों में मदद की है | राजेश का रहस्य उसके साथ सुरक्षित है |

अन्य दो व्यक्तित्व जो राजेश समय समय पर अपनाता रहता है, राजकुमार ढंप और राणा धनपति हैं | राजकुमार ढंप के रूप में वह एक काल्पनिक राज्य ढंप का प्रमुख है | जब भी उसे दूसरों पर अपनी अमीरी और ताकत का प्रभाव डालना होता है तो वह इस व्यक्तित्व का प्रयोग  करता है | इस रूप में उसका एक सशस्त्र अंगरक्षक मेकफ उसके साथ रहता है, यह चरित्र उम्मीद से अधिक प्रसन्न रहता है | राणा धनपति को एक व्यसायी के रूप में दिखाया गया है, जो अधिकांश समय शहर से बाहर रहता है | उसका विशाल विला “राणा पैलेस “ जाहिर तौर पर उसके कर्मचारियों और अंगरक्षकों की देखभाल में छोड़ दिया जाता है | वास्तव में सीक्रेट सर्विस के सदस्य इस विशाल  इमारत  का उपयोग एक ठिकाने और संचालन केंद्र के रूप में करते हैं | एक और इमारत जिसका इस्तेमाल सीक्रेट सर्विस वाले करते हैं “सायको मेंशन” है जिसे एक मनोरोग चिकित्सालय की आड़ में संचालित किया जाता है|

राजेश सीक्रेट सर्विस के एक सामान्य सदस्य के तौर पर काम करता हुआ प्रतीत होता है | उसकी टीम के साथी सदस्य हमेशा या तो उसका मजाक उड़ाते हैं, या उसके खर्चे पर मजे करते हैं | यह सभी सदस्य, फोन पर जब पवन की कठोर और आदेशात्मक आवाज को सुनते हैं तो डर से कांपने लगते हैं | वह जानते हैं कि वह आसपास ही है, और उन्हें देख रहा है | पवन शायद ही कभी उनके सामने प्रकट होता है ; जब कभी भी वह ऐसा करता है तो वह एक काल मुखोटा और तंग काले कपडे पहन लेता है जो उसकी पहचान को पूरी तरह छिपा देते हैं | वेशक वह पचान बदलने में एक विशेषज्ञ है, लेकिन उन्हें सम्बोधित करने से पहले वह अपनी आवाज को भी पूरी तरह से बदल लेता है | बाकी का समय पवन अपने अधीनस्थों से टेलीफोन या ट्रांसमीटर के जरिये संपर्क करता है |

राजेश ने आकस्मिक रूप से गोलियों को चकमा देने की कला को सिद्ध किया है | इसे संग कला कहा जाता है, जिसे उसने एक अन्तर्राष्ट्रीय चीनी अपराधी “संगही” से सीखा था | संगही ने एक ऐसी तकनीक तैयार की थी जिसमे वह हमलावर के हाथो की हरकत को समझकर उसके द्वारा चलाई गई गोली की राह से तेजी से हट जाता था | संगही ने इस तकनीक को एक बार राजेश के सामने “लाशों का बाजार “ में प्रदिर्शित किया  था, और राजेश ने उसे फिर से एक बार ऐसा करने को कहा | इसमें शामिल तकनीक को समझाने के लिये राजेश के लिये इतना काफी था | तब राजेश ने संगही को उस पर गोली चलाने की चुनौती देकर आश्चर्यचकित कर दिया, जब वह राजेश को अपनी गोली का निशाना बनाने में सफल नहीं हुआ तो संगही को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ | इस तथ्य के बावजूद कि यह दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हैं उस बुरे इंसान ने राजेश को चालाकी की  कला में सही अर्थों में अपना भतीजा घोषित किया |

राजेश का जटिल व्यक्तित्व उसकी परवरिश का नतीजा लगता है | इबने सफी ने “डा. आशीष सीरीज” में उसके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी है | राजेश के पिता श्री राकेश बिहारी केन्द्रीय ख़ुफ़िया विभाग के महानिदेशक, हमेशा एक बहुत सख्त व्यक्ति रहे हैं | वह चाहते हैं कि सब कुछ उनके तरीके से किया जाये | श्री राकेश बिहारी जी ने बचपन में राजेश का दाखिला एक ईसाई मिशनारी स्कूल में करवाया, क्यूंकि वहां पर शिक्षा की गुणवता बेहतर थी | राजेश की माँ एक बहुत ही धार्मिक और पवित्र महिला है | वह चाहती हैं कि राजेश अपने धर्म का पालन करे | नतीजतन वह इसके बारे में भ्रमित हो जाता है कि जो उसे स्कूल में सिखाया जाता है और जिसको उसे घर पर करने के लिये मजबूर किया जाता है | वह घर तथा बाहर की दुनिया के लिये एक दोहरा व्यक्तित्व विकसित करता है | अपने पिता के तानाशाही नियमों, उसके मिशनरी स्कूल के प्रशिक्षण और वह जो सीखता है और जिसका अभ्यास करता है में विरोधाभासों के परिणामस्वरूप, वह किसी भी चीज का और लगभग हर चीज का उपहास करता है | अपने सभी व्यक्तित्वों में बदलाव और विरोधाभासी परिदृश्यों के बावजूद, वह मानवाधिकार के मूल सिधान्तों और कानून व्यवस्था का पालन करता हुआ नजर आता है |

विनोद की तरह राजेश भी सौहार्दपूर्ण नारी आकर्षण से दूर है, इसलिये उसे जाल में फंसाना मुश्किल है | अपनी कमजोर प्रकृति और मासूम से दिखने के कारण महिलाएं उससे मिलने के बाद तुरंत उसपे आकर्षित हो जाती है, लेकिन ज्यादातर समय राजेश उनसे कटु व्यव्हार करता है और उन्हें उससे रूखे व्यवहार के अलाव कुछ भी प्राप्त नहीं होता | शायद विनोद की तरह वह भी इससे सख्ती से निपटता है क्यूंकि एक निजी मामले को प्रचारित नहीं किया जा सकता | राजेश की बुद्वि और विचारशैली भी बहुत महान है | उसकी टिप्पणियाँ जीवन के लगभग हर पहलू पर विनोदी और व्यंगपूर्ण हैं | उसका व्यक्तित्व मजेदार है तथापि विचारों को एक ही समय पर खुराक प्रदान करता है |

राजेश कट्टर देशभक्त है और देश की रक्षा करने के लिये उसे कुछ भी कर गुजरने में कोई हिचक नहीं है, उसे कभी भी एक किताब में समेटकर नहीं रखा जा सकता | राजेश को एक ऐसे चरित्र के रूप में चित्रित किया गया है, जो अपने देश के खिलाफ काम करने वाले जासूसों से लड़ने के लिये इतन बेचैन है कि उसके पास छोटी-छोटी चीजों जैसे प्यार, रोमांस, विवाह और परिवार के लिये समय ही नहीं हैं | राजेश के लिये उसकी एक मात्र प्राथमिकता शत्रुओं से अपने देश की रक्षा करना है ; बाकी सब कुछ उसके बाद आता है |